भारत एक ऐसा देश है जहां हजारों साल पुराने कई मंदिर देखे जा सकते हैं और इन सभी का इतिहास में अपना महत्व है। ऐसे ही दक्षिण भारत में तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में रामेश्वरम मंदिर स्थित है। रामेश्वरम मंदिर एक हिंदू मंदिर है और इसे चार धामों में से एक माना गया है। इस मंदिर को रामनाथ स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका विजय करने की इच्छा से लंका जाने से पहले शिव जी की पूजा करना चाहते थे। तब उन्होंने इस जगह पर महादेव के शिवलिंग की स्थापना कर इसकी पूजा अर्चना की थी। भगवान राम के नाम से ही इस जगह का नाम रामेश्वरम द्वीप और मंदिर का नाम रामेश्वरम पड़ा।
पुराणों के अनुसार, रावण एक ब्राह्मण था और ब्राह्मण को मारने के दोष को खत्म करने के लिए भगवान राम भगवान शिव की पूजा करना चाहते थे, लेकिन तब इस द्वीप पर कोई मंदिर नहीं था, इसलिए हनुमान जी को कैलाश पर्वत से भगवान शिव की शिवलिंग लाने को कहा गया। जब हनुमान जी समय पर शिवलिंग लेकर नहीं पहुंच पाए, तब माता सीता ने समुद्र की रेत को मुट्ठी में उठाकर शिवलिंग का निर्माण किया और इसी शिवलिंग की भगवान राम ने पूजा की। हनुमान जी के द्वारा लाए गए शिवलिंग को भी यहीं पर स्थापित कर दिया गया।