चैत्र नवरात्र के मौके पर हर साल देवी निरई माता की पूजा करने हजारों लोग छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जुटते हैं। धमतरी जिले के मगरलोड इलाके में जंगलों के बीच इस पवित्र मंदिर में माता की कोई मूर्ति नहीं है। लोगों का विश्वास है कि माता हमेशा यहीं वास करती हैं। यहां कईं तरह की पूजा विधियां अपनाई जाती हैं, जिसमें बकरे की बलि देना भी शामिल है।
मान्यता है कि निरई माता ने यहां महिलाओं के आने पर रोक लगा दी थी, क्योंकि माता का एक श्रद्धालु इस मंदिर में बहुत समय गुजारा करता था और उस श्रद्धालु की पत्नी को इसी बात से जलन महसूस हुई थी। इस पवित्र स्थान पर सिर्फ पुरुषों को जाने की ही इजाजत है, वो भी साल में एक बार चैत्र नवरात्र में।