कुंभ मेले में भारी भीड़ के कारण अक्सर कई परिवार बिछड़ जाते हैं, लेकिन इस साल महाकुंभ मेले में, प्रशासन के प्रयासों ने हजारों लोगों को उनके अपनों से मिलाने में मदद की है। 'भूले भटके केंद्र' और 'खोया पाया कैंप' ने पूरे महाकुंभ में खोए हुए व्यक्तियों को खोजने में मदद की।
तमाम कोशिशों के बावजूद, कई लोग अभी भी अपनों से नहीं मिल पाए हैं। मेले के समापन के बाद अब इन लोगों की उम्मीद फिर से जग गई है। इन कैंपों में प्रशासन और वॉलंटियर्स उन लोगों की सहायता करने के लिए समर्पित हैं जो अभी भी अपनों से नहीं मिल पाए हैं।
नेपाल से महाकुंभ में आए वसंत कुमार भी अपनों से नहीं मिल पा रहे हैं। अपनों के न मिल पाने से परेशान कुछ लोगों ने उनके बारे में किसी भी जानकारी देने वालों को इनाम देने का भी ऐलान किया है। 45 दिन के बाद महाकुंभ मेला का 26 फरवरी को समापन हो गया। आस्था की डुबकी लगाने आए कुछ लोग अपनों से बिछड़ गए थे। तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक इन्हें अपने नहीं मिल पाए हैं।