कुछ दिनों पहले मायावती ने बीएसपी के वोटर्स से एक अपील की थी. उन्होंने कहा था कि दलित समाज के लोग या तो वोट न करें या फिर नोटा में वोट डाल दें. घोसी उप चुनाव के लिए बीएसपी की बॉस मायावती की ये अपील उनके ही समर्थकों ने ठुकरा दी. ये बीएसपी के लिए खतरे की बड़ी घंटी है. यहीं से समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के लिए उम्मीदों का एक नया रास्ता खुल गया है. ये रास्ता है मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने का.