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क्या सचमुच आंतों में चिपक जाता है मैदा? जानिए सच्चाई

मैदा, जो कि रिफाइंड आटा है, आजकल हमारी डाइट का एक सामान्य हिस्सा बन चुका है। चाहे वह पिज़्ज़ा हो, बर्गर, केक, बिस्किट, या परांठे, हर जगह मैदा का इस्तेमाल होता है। लेकिन बहुत से लोग यह सुनते या पढ़ते हैं कि मैदा आंतों में चिपक जाता है और इससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं। तो क्या सच में ऐसा होता है? आइए जानते हैं इस विषय पर पूरी सच्चाई।

मैदा और उसके प्रभाव:
मैदा एक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट है, जिसका मतलब है कि इसे परिष्कृत करके अनाज से बाहरी मोटी परत (फाइबर) और अंकुरण के भाग हटा दिए जाते हैं। इसके कारण मैदा में फाइबर की कमी हो जाती है और यह बहुत जल्दी पचने लगता है। हालांकि, आंतों में चिपकने के बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन इसके सेवन से शरीर पर कुछ अन्य नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।

आंतों में चिपकने का भ्रम:
पाचन में समस्या

मैदा में फाइबर की कमी होती है, जिससे यह धीमे पाचन में मदद करता है और आंतों में सही तरीके से मूवमेंट नहीं हो पाता। हालांकि, यह आंतों में चिपकता नहीं है, बल्कि यह आपके पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकता है और कब्ज़ जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव
मैदा को बहुत जल्दी पचाने के कारण यह शरीर में शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है। इससे इन्सुलिन का उत्पादन बढ़ सकता है, और बार-बार इस तरह का उच्च शुगर लेवल आंतों की सेहत को प्रभावित कर सकता है।

गट हेल्थ (Gut Health) पर प्रभाव
ज्यादा मैदा खाने से पेट में सूजन, गैस, और दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे गट हेल्थ पर नकारात्मक असर पड़ता है।

फाइबर की कमी
क्योंकि मैदा फाइबर से रहित होता है, यह आंतों के कामकाज को प्रभावित कर सकता है और आंतों की गतिशीलता धीमी कर सकता है। फाइबर की कमी से कब्ज़, पेट फूलना और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

क्या आंतों में सच में चिपकता है?
विज्ञान के अनुसार, मैदा आंतों में चिपकता नहीं है, लेकिन इसकी पाचन क्षमता और आंतों के लिए नुकसानकारी प्रभाव जरूर हो सकते हैं। मैदा में मौजूद अत्यधिक शुगर, उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स, और फाइबर की कमी पाचन को प्रभावित कर सकते हैं और आंतों की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

कैसे मैदा के नुकसान से बचें?
फाइबर युक्त आहार लें

मैदा की जगह आप साबुत अनाज जैसे कि गेहूं, ज्वार, बाजरा, और ओट्स का इस्तेमाल करें। ये आहार फाइबर से भरपूर होते हैं और पाचन को बेहतर बनाए रखते हैं।

फ्रेश और हेल्दी फूड्स खाएं
सादा और ताजे भोजन का सेवन करें, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, और दालें। यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखते हैं।

पानी का सेवन बढ़ाएं
फाइबर और हाइड्रेशन के साथ पेट साफ रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।

मैदा का सेवन कम करें
मैदा से बनी चीज़ों का सेवन सीमित करें, खासकर पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड्स। अगर आप मैदा खाना पसंद करते हैं, तो इसे कभी-कभी और संयमित मात्रा में ही खाएं।

मैदा आंतों में चिपकने का कारण नहीं बनता, लेकिन इसकी सेवन की आदत से पाचन समस्याएं, कब्ज़ और आंतों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए, एक स्वस्थ आहार और सही लाइफस्टाइल अपनाकर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं। साबुत अनाज, फाइबर युक्त आहार और पानी का सेवन बढ़ाना आपकी आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखेगा।