नए संसद भवन की ऐतिहासिक शुरूआत के साथ के साथ ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। अमृत काल में नए अध्याय का आगाज किया जा चुका है। इस नई संसद के लिए सबसे अहम माने जाना वाले महिला आरक्षण बिल को लेकर कई दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म था। विधि एवं मंत्री स्वतंत्र प्रभार अर्जुन राम मेघावाल ने विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच इस बिल को पेश किया। बता दें कि इस बिल कि शुरूआत विधिविधान के साथ किया गया। मेघवाल ने यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता पढ़ते हुए नारी शक्ति को नमन किया। इस मंत्रोच्चार के साथ बिल पेश किया गया।
बता दें कि महिला आरक्षण बिल को नई संसद भवन में पेश किया गया। जिसका नाम ‘नारी शक्ति वंदन’ अधिनियम रखा गया। इस बिल को लेकर ओम बिरला ने कहा कि इसे नई संसद में पे किया जा चुका है जिस पर बुधवार को कार्यवाही की जाएगी। बता दें कि ये बिल महिला सशक्तिकरण से जुड़ा है।
यदि इस बिल को पास किया जाता है इस बिल के कानून बनने के बाद 543 सदस्यो वाली महिला लोकसभा में महिला सदस्यों की वर्तमान संख्या में इजाफा हो 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। साथ ही इस बिल के पारित हो जाने पर विधानसभा में महिला सदस्यों के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। साथ ही बता दें कि मेघवाल ने ये भी कहा कि इस विधेयक को पास कराने के लिए पूरे 15 साल के आरक्षण के लिए प्रावधान है। बता दें कि इससे पहले अटल बिहारी की सरकार में भी इसे पास कराने के लिए लाया गया लेकिन उस दौरान पर्याप्त बहुमत नहीं था जिस कारण ये बिल 27 सालों से अटका हुआ है। अब देखना होगा कि बुधवार की बहस में क्या कुछ निकलकर सामने आएगा।