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नई शुरूआत के साथ क्या महिला आरक्षण बिल का गवाह बनेगी नई संसद ?

आज का दिन, तारीख और पल ऐतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर दर्ज होगी। दिन और तारीख इस लिए भी खास मायने रख रहा हैं क्यों कि आज प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश चतुर्थी के दिन तय किया गया। नई संसद की कार्यवाही का श्री गणेश चतुर्थी से हुआ।  ये दिन अपने आप में भारत के लिए बेहद ही खाश होगा।

पूरे 75 साल का सफर करने के बाद पुरानी संसद से अब से नई इमारत में दमदार दस्तक दें चुकी है। आखिरकार एक लबें समय के इंतजार के बाद वो शुभ घड़ी आ गई। आज से  इस नई संसद सया भविष्य तय किया जाएगा। फिर से एक नया  इतिहास लिखा जाएगा। जहां देश के तमाम मसलों की कार्यवाही और आने वाली सरकारों के लिए गए फैसलों पर मुहर लगेगी। कई अहम फैसलों की ये नई संसद गवाह बनेगी।

खास बात ये है कि नई संसद की शुरूआत विशेष सत्र के दौरान किया गया। इस बार का संसद सत्र अपने आप में कई मायनों में खास होने वाला है कि इसमें न तो प्रश्न काल रखा गया और ना ही शून्यकाल रखा गया।

अब हम आपको बता कि इस नई संसद में 27 सालो से लटका हुआ महिला आरक्षण पास किया जा सकता है। जिस पर देश भर कि नजरे टिकी हुई हैं। जिसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बिल को मंजूरी भी दे चुकी है। इस बिल को पास सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में  सर्मथन हासिल करना चाहती है। अगर संसद में नई महिला आरक्षण बिल पर मुहर लग जाती है तो ये नई संसद का पहला ऐतिहासिक फैसला होगा।