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पश्चिमी यूपी पर ही कांग्रेस क्यों कर रही फोकस

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए कांग्रेस पूरा दम लगा रही है. बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए कांग्रेस का उत्तर प्रदेश पर खासा फोकस है और इसमें भी खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश. दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है और कांग्रेस ने अगर यहां पर अच्छा प्रदर्शन किया तो समझिए बीजेपी की मुश्किल कहीं ना कहीं बढ़ जाएंगी. हालांकि निर्भर इसपर भी करता है कि कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी.

चुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारियों की बात करें तो वो यूपी जोड़ो यात्रा के बाद अब संवाद कार्यक्रम कर रही है. इसकी शुरुआत गुरुवार को हुई, जो 18 जनवरी तक जारी रहेगा. संवाद कार्यक्रम के लिए कांग्रेस ने जो पहली जगह चुनी वो भी पश्चिमी यूपी है. मेरठ से इसकी शुरुआत हो रही है. पार्टी यूपी में अपना प्रदर्शन बेहतर करने में लगी है. इसके लिए उसका फोकस वेस्ट यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों पर है. वो यात्रा और कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों तक पहुंच रही है. हाल ही में यूपी जोड़ो यात्रा ने पश्चिम और मध्य यूपी के 11 जिलों और 16 लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया.

पश्चिमी यूपी के जिलों पर फोकस करने के पीछे कांग्रेस की दलित और मुस्लिम सपोर्ट को मजबूत करने की रणनीति है. पश्चिमी यूपी में दलित, मुस्लिम और जाट अच्छी खासी संख्या में हैं जो किसी भी पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं. पार्टी ने हाल ही में इमरान मसूद और अहमद हामिद जैसे पश्चिमी यूपी के प्रमुख अल्पसंख्यक नेताओं को अपने पाले में लिया.