1992 यानी 31 साल पहले दर्ज एक मामले में रविवार को हुबली के कारीगर श्रीकांत पुजारी (51) की गिरफ्तारी ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. प्रदेश बीजेपी नेताओं का आरोप है कि हुबली में अयोध्या राम जन्मभूमि के लिए हुए संघर्ष में हिस्सा लेने वालों की गिरफ्तारी के पीछे बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं को धमकाना मकसद है.
पुजारी की रिहाई की मांग को लेकर बीजेपी आज (बुधवार) राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन भी करेगी. इस बीच सरकार और पुलिस ने कहा कि श्रीकांत पुजारी को पुराने लंबित मामलों में पुलिस विभाग की नियमित प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया. श्रीकांत पुजारी हिंदू समर्थक संगठनों के सदस्य रह चुके हैं और उन्होंने 1992 में राम जन्मभूमि सहित कई आंदोलनों में भाग लिया था.
हमलावर है बीजेपी
5 दिसंबर 1992 को हुबली टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में पुजारी को तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया था. हुबली के दुर्गा बेल में दुकानों में आग लगाने के आरोप में पुजारी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जब मामला दर्ज किया गया तब पुजारी 20 साल के थे.