केंद्र सरकार ने मणिपुर में संचालित मैतेई उग्रवादी समूहों पर प्रतिबंध बढ़ाने के फैसले पर विचार करने के लिए न्यायाधिकरण का गठन किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया है। गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की सदस्यता में न्यायाधिकरण का गठन किया गया है। न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।
गृह मंत्रालय ने 28 नवंबर को देर रात एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी है। मंत्रालय द्वारा यह फैसला 15 दिन बाद लिया गया है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने देश विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के लिए मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया था।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम, 1967 की धारा 5 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की सदस्यता में गैरकानूनी गतिविधियां न्यायाधिकरण का गठन किया है। अधिसूचना के अनुसार, न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।