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देशी तकनीक से गजराज को बचाने की जद्दोजहद

हमारे देश में जानवरों को जानवर नहीं बल्कि भगवान के रूप में पूजा जाता है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आप जहां भी जाएंगे, आपको देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी तस्वीरें देखने को मिल जाएंगी. भारत है ही ऐसा. इन जानवरों में जंगल के सबसे बड़े और भारी भरकम मेंम्बर यानी की हाथी महाराज को तो और भी ज्यादा प्यार से पूजा जाता है. हाथी को भगवान गणेश के रूप में पूजा जाता है.

दक्षिण भारत में तो गजराज की बकायदा पूजा होती है. यह बात दर्शाती है की हमारे लिए हमारे वन्य जीव कितने महत्वपूर्ण हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण तकनीक विकसित की है जिससे रेलवे ट्रैक के आस पास हाथियों के गुजरने के दौरान होने वाले हादसों की संख्या काफी कम हो जाएगी. सरकारी आंकड़े यह बताते हैं कि 2012 से 2020 के बीच असम में 30 और पश्चिम बंगाल में 55 हाथियों की मौत ट्रेन एक्सीडेंट से हो गई. रेल मंत्रालय ने इसके लिए गजराज स्कीम लॉन्च की है.