Breaking News

IPL 2024: राजस्थान ने चेन्नई को दिया 142 रनों का टारगेट     |   दिल्ली: चांदनी चौक की एक दुकान में लगी आग, दमकल की 13 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया     |   आज पटना में रोड शो करेंगे पीएम मोदी, शाम 6:30 बजे से होगी शुरुआत     |   संदेशखाली पुलिस ने एक BJP कार्यकर्ता को किया अरेस्ट, पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुरू किया विरोध प्रदर्शन     |   हरियाणा: फ्लोर टेस्ट के लिए विशेष सत्र बुला सकती है सरकार     |  

चुपचाप और बेहद सादगी से काम करने की शैली से बनी मिस्टर क्लीन CM की इमेज

कहते हैं इंसान की पहचान तब नहीं होती जब उसके पास ताकत हो, पद हो या कोई बड़ा ओहदा. इंसान तब सबसे ज्यादा परखा जाता है जब उसके पास कुछ भी न हो. न पॉवर न सत्ता और न कोई ओहदा …मनोहर पर्रिकर ऐसे ही इंसान थे. सत्ता में न रहकर भी सरकार को झुका दे देते थे.आम लोगों के लिए लड़ते थे और जीतते भी थे…दुनिया उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जानती है जो गोवा का चार बार सीएम रहा,जो शख्स सीएम रहते कभी सीएम आवास में नहीं रहा..स्कूटी से ऑफिस चला जाता था. चौराहे पर चाय पीने लगता..कोई सुरक्षा नहीं ..कोई तामझाम नहीं. वस्त्र के नाम पर आधी बांह की एक शर्ट और पैरों में सेंडल ..हालांकि मुख्यमंत्री कहां ऐसे होते हैं.

जिस देश में विधायकों के काफिले में 10-20 गाड़ियां साथ चलती है. वहां कोई कैसे ये सोच भी सकता है कि मनोहर पर्रिकर जैसा कोई इंसान कभी गोवा का सीएम ही नहीं रहा बल्कि देश का रक्षा मंत्री भी रहा था. लेकिन ऐसे ही थे मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर.किसी के लिए जनता के मुख्यमंत्री, किसी के लिए स्कूटर वाला मुख्यमंत्री तो किसी के लिए मिस्टर क्लीन मुख्यमंत्री…13 दिसंबर को दिवंगत मनोहर पर्रिकर की जयंती है.

ये वो वक्त था जब गोवा में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे कद्दावर नेता दिगंबर कामत. मनोहर पर्रिकर विपक्ष में थे. कोई ताकत नहीं और न ही बीजेपी का मजबूत संगठन था.लेकिन मनोहर पर्रिकर जनता के हर मुद्दे को सरकार के सामने रखते,उसका विरोध करते..और सरकार को झुकने पर मजबूर भी कर देते थे. मनोहर पर्रिकर ने दिगम्बर कामत की सरकार को मांडवी नदी में कैसिनों के सवाल पर बैकफुट पर आने को मज़बूर किया था.इसकी देशभर में चर्चा हुई थी.अवैध खनन का मुद्दा हो या अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों को अधिक सरकारी अनुदान देने की बात पर्रिकर हमेशा जनता से जुड़ा मुद्दा उठाते और सरकार को घेर लेते. 2012 में कोर्ट ने गोवा में खनन पर रोक लगा दिया.