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डीपफेक के बढ़ते मामलों पर सरकार ने दिखाई सतर्कता, बनेगा कानून, गलेगा लगाम

 बढ़ती टेक्नोलॉजी जहां एक ओर विकास नई कहानी गढ़ रही है। इस हाइटेक वाली टेक्नलॉजी से तमाम तरह के नए रा्स्ते खोजे जा रहें हैं, आय दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल है । इस तकनीक से लोग स्मार्ट वर्क करने  में  लगे हुए हैं।  तो वही दूसरी   तरफ टेक्नोलॉजी का यही  स्मार्ट वर्क  लोकतंत्र को भी  खतरें में डालने का काम कर रहा है। कहते है हर सिक्के के दो पहलू होते है  लेकिन ये आप पर निर्भर करता है कि आप किस पर वर्क कर रहें है सही या फिर गलत उसके परिणाम भी आप उसी पहलू के आधाऱ पर ही मिलेगा। लेकिन यहां चिंता का ये विषय बन गया है कि लोग सिक्कें के नेक पहलू को  कम बुरे  पहलू की ओर अपना ज्यादा  रूझान   दिखा रहे हैं और समस्याओं को साथ साथ दावत देने में लगे हुए हैं।

तो वहीं इन दिनों अब डीपफेक के वीडियो और आडियो ने अपने पैर पसारने में लगे हुए इसके जरिए लोग किसी भी व्यक्ति  के नाम औऱ रूतबे को बदनाम करने में लगें हुए।  लोग इक तकनीक का उपयोग कर किसी के साथ भी खिलावाड़ करने में लगे हुए। इसके जरिए किसी का भी डुबलीकेट चेहरा तैयार कर कहीं भी उपयोग करने में लगे हुए या फिर किसी के साथ भी अश्लीलता और बदनाम करने का सजिश को अंजाम देने में लगे हुए। ऐसे में समाज में  बेहद ही गंदा प्रबाव पड़ रहा है। लोगों में निगेटीवीटी भी जोरो से फैल रही  है।

 ऐसे में  अब इस डीपफेक वीडियो और ऑडियो के  बढ़ते मामलों को देखते हुए सराकर ने इसमें अपनी गंभीरता दिखाई है।  साथ ही  सतर्कता बरतते हुए कड़े रूख  अक्तियार किए हैं। डीपफेक के बढ़ते  मामलों पर इलेक्ट्रानिक्स आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने  इस पर अहम बैठक की जिसमें  आईटी सेक्टर के कई अन्य मंत्री भी मौजूद रहे बैठक के दौरान इस मामले पर विचार विमर्श किया गया कि किस तरह से डीपफेक के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाया जाएं इससे बचने के क्या कुछ तरीके हैं।

 इतना ही नहीं सोशल मीडिया कंपनियों ने इस बात की हामी भी भरी कि डीपफेक एक सामाजिक खतरा है। इसी के साथ जिन मुद्दो पर इसे बचने पर काम किया जाएगा उसका भी बैठक के दौरान आयोजन किया गया है। इसी के साथ ये भी तय किया गया कि इसकी जांच कैसे हो इसे वायरल होने से बचे ये भी कि कोई यूजर कैसे इसे रिपोर्ट करे। आपको ये भी बता दें कि डीपफेक शिकार अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के होने के बाद से तेज हुई थी।