सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक' (नीट-यूजी) 2024 को फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने प्रश्नपत्र लीक होने और दूसरी गड़बड़ियों के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए कहा, ''ये इतना आसान नहीं है कि आपने जो किया है वह सब पाक साफ है। शुचिता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए।''
बेंच ने हालांकि सफल कैंडिडेट को एमबीबीएस, बीडीएस और दूसरे पाठ्यक्रमों में एड़मिशन देने के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। केंद्र और एनटीए के अलावा बेंच ने बिहार सरकार को भी नोटिस जारी किया। राज्य में परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। पीठ ने कहा, ''आपको कितना समय चाहिए? अदालत खुलने के तुरंत बाद? नहीं तो काउंसलिंग शुरू हो जाएगी।''
सुप्रीम कोर्ट ने शिवांगी मिश्रा और अन्य की दाखिल याचिका को लंबित याचिका के साथ संलग्न कर एनटीए को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच में गर्मियों की छुट्टियों के के बाद आठ जुलाई से नियमित सुनवाई शुरू होगी। छुट्टियां 20 मई से शुरू हुई थी।
एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी आयोजित करता है। बेंच ने कहा, ''नोटिस जारी किया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करना होगा।''
कैंडिडेट की ओर से पेश हुए वकील मैथ्यूज जे. नेदुम्परा ने इस बीच काउंसलिंग पर रोक लगाने की अपील की लेकिन बेंच ने इनकार कर दिया। बेंच ने कहा, ''काउंसलिंग शुरू होने दीजिए, हम काउंसलिंग नहीं रोक रहे हैं। हम काउंसलिंग नहीं रोकेंगे। अगर आप ज्यादा बहस करेंगे तो हम याचिका खारिज कर देंगे।'