हाल के वर्षों में जेएनयू की छात्र राजनीति दो ध्रुवों में बंट गई है. एक तरफ वाम दलों से जुड़े छात्र संगठन हैं जिनका जेएनयू में दबदबा है तो दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) है जो येन-केन-प्रकारेण शोध के इस मरकज में अपना पांव जमाना चाहती है. एबीवीपी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए वामपंथी विचारों की छात्र राजनीति करने वाले संगठन जो कभी एक दूसरे के आमने-सामने हुआ करते थे, अब संयुक्त तौर पर चुनाव लड़ने लगे हैं.