पूरा देश इन दिनों राममय है, 22 जनवरी को अब महज चंद रोज ही बचे हैं, हर कोई इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन की जोर शोर से तैयारियां की जा रही है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह है. वहीं इस मामले में राजनीति भी जमकर हो रही है. बीजेपी और विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी राम के नाम पर राजनीति कर रही है.
कर्नाटक के बेलगांव में निपाणी तालुका में शरद पवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विवादित परिसर का ताला खुलवाया था और यहां मंदिर बनाने का रास्ता प्रशस्त किया था, लेकिन इसका पूरा श्रेय बीजेपी के लोग ले रहे हैं. पवार ने कहा कि अगर राम मंदिर का इतिहास देखा जाए तो बाबरी मस्जिद गिराने के बाद मंदिर बनाने का जब विचार हुआ तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. मंदिर का शिलान्यास राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ था, जिसके बाद कुछ लोग कोर्ट में गए और बाद में कोर्ट ने मंदिर बनाने की इजाजत दी उसके बाद मंदिर बनाने का काम शुरू हुआ.