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इंडिया गठबंधन का एक विकेट गिरा, ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान

इंडिया गठबंधन का एक विकेट गिरा, ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान 

 इस  वक्त बड़ी सामने है। जब लोकसभा चुनाव सिर पर है तो वहीं इंडिया हगठबंधन को बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लोकसबा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। जिलेक बाद से सियासी पारा बेहद ही गरम हो चला है। सत्ता  के गलियारों में चर्चाओं का बाजार बेहद ही गरम हो गया है। टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीट सेयरिंग को लेकर काफई दिनों से जदोजगद चल रही थी। जदब से गठबँधन बना है तब से दोनों के बीच सीटों के बटटवारे को लेकर खीचाचतानी बनी हुई थी। एक लबें सयम की खीचातानी के बाद जब बाच नहीं बनी तो दीदी ने गठंबधन से नाता ही तोड़ लिया। जो  कि लोकसबा चुनाव दहलीज पर और ऐसे सयम पर  ममता दूरी बनाना इंडिया गठबंधन को लिए एक बड़ा झटा है। 

ममता के इस फैसेले बाद से सियासी गलियारों में हलचल काफी तेज हो गई है।  ममता बनर्जी कहीं न कहीं ये अच्छी तरह से जानती है कि उनके गढ़ में उनकी मजूबत पकड़  राज्य की जनता दीदी के नाम पर ही वोट देगी राज्य के कई जगहों की सीट जो उनके नाम पर पक्की मानी जाती है। लेकिन कांग्रेस जिद पर अड़ी थी कि उसे वहां  बंगाल के सियासी अखाड़े में उतरने के लिए 10 सीटों की मांग कर रही थी। अपने गढ़ के सियासी मिजाज तो भापते हुए दीदी ने कांग्रेस की एक न सुनी और तो और गठबंधन से  ही किनारा कर लिया। ऐसे में उनका कहना है कि कांग्रेस ने टीएसी का प्रस्ताव नहीं स्वीकार किया  इस लिए  ये फैसला लेना पड़ा और लोकसभा चुनाव में अकेले ही मैदान में उतरेंगी।दीदी का साफ  तौर पर ये भई कहना हा कि वो अकेलेचुनाव लड लेंगी और देश में क्या किया जाएगा मुझे इस बात  की तनिक भी चिंता नहीं है। लेकिन  टीएमसी एक धर्मनिरपेक्ष  पार्टी है। हम अकेले ही चुनाव लड़ने की दम रखते है।  बीपी को हराने के लिए एकेले ही काफी किसी कि जरूरत नहीं है। ममती के इस फैसले के बाद से इंडिया गठबंढन का एक विकेट गि गया है। 

 
कांग्रेस और टीएमसी में सीटों को लेकर काफी नोकजोक करननी पडी लेकिन जजब बात नहीं बनी तो आखिर में  ममती बबर्जी को ये फैसला लेना पड़ा । दरअसल  सूत्रों के मुताबिक लगातार बंगाल में 10 से 12 सीटों  की मांग कर रही थी। लेकिन टीएसी अपना राज्य सियासी आकड़ें को देखते हुए महज दो सीटें देन के लिए ही तैयार थी। लेकिन कांग्रेस इतने में संतुष्ट नही थी बस फिर क्या हीं से बात बिगड़ गई दोनों के बीच सीटों को लेकर तलवार खिच गई और पाला ही अलग कर लिया।  और फिर ममता बनर्जी ने  अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया इस ऐलान  के बाद ममती अब बंगाल के बाद 42 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।