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विजन ज्यादा-वादे कम, बजट में मोदी सरकार का संदेश

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतरिम बजट को गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. चुनावी साल होने के बाद भी मोदी सरकार ने किसी भी तरह के लोकलुभावन योजना के ऐलान से परहेज किया. न इनकम टैक्स स्लैब में छूट मिली, न ही डायरेक्ट टैक्स में बदलाव हुआ, लेकिन देशवासियों को भविष्य में और भी ‘अच्छे दिन’ का सपना जरूर दिखाया गया है. बजट में विजन ज्यादा और वादे कम किए हैं. किसी भी नई लोकलुभावन स्कीम का ऐलान नहीं करने की एक बड़ी वजह पीएम मोदी का केंद्र की सत्ता में हैट्रिक लगाने का पूर्ण भरोसा है. ये बताता है कि मोदी सरकार पूरी तरह आश्वस्त है कि वह फिर सत्ता में लौटकर आ रही है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार का मुख्य फोकस महिला, गरीब, युवा, किसान इन्हीं चार वर्गों पर है. ये जातियां सरकार के प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं, लेकिन उनके लिए कुछ खास ऐलान नहीं किया. पिछले 10 साल की उपलब्धियों का बखान किया, लेकिन देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 11,11,111 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान कर संकेत दे दिया है कि 2047 में भारतीय अर्थव्यवस्था कैसी होगी, इसका भरपूर खाका तैयार किया गया है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने इसे देश के भविष्य के निर्माण का बजट करार दिया है और दावा करते हुए कहा कि यह बजट 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की गारंटी देता है.