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Odisha: गोपीनाथ ने बदली अपने गांव की तस्वीर, बंजर जमीन को हरे-भरे जंगल में किया तब्दील

ये ओडिशा के मयूरभंज जिले में इटामुंडिया गांव के पर्यावरणविद् गोपीनाथ सिंह हैं। इन्होंने अपने जीवन के 40 साल पेड़ लगाने और उन्हें संरक्षित करने में बिताए हैं। गोपीनाथ सिंह को लोग प्यार से "बाबा" कहते हैं। अपने साथियों के साथ मिलकर वो 160 हेक्टेयर बंजर पड़ी सरकारी जमीन को हरे-भरे जंगल में तब्दील  कर चुके हैं। 

गोपीनाथ सिंह महज 24 साल के जब उन्होंने अपने गांव में वनों की कटाई और भूमि अतिक्रमण के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उनका मकसद गांव में बदलाव लाना था। इससे प्रेरित होकर गोपीनाथ सिंह ने अपने गांव में 110 परिवारों के साथ एक समिति बनाई। गांववालों के साथ मिलकर उन्होंने आंवला, साल, सागौन, आम और नीम समेत लाखों पेड़ लगाए। उनके इस कदम के बूते बंजर जमीन आज हरे-भरे जंगल में बदल चुकी है। 

गोपीनाथ सिंह के अथक प्रयास आज देशभर में मशहूर हैं। यही वजह है कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए दिल्ली बुलाया है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने के अलावा गोपीनाथ सिंह ने गांव में शिव मंदिर भी बनवाया है। खास बात ये है कि इसे सूखे पेड़, झूले, पत्ते, बीज और शहद जैसे वन उत्पादों को बेचने से होने वाली आय से बनाया गया है। 

पर्यावरण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने न सिर्फ उनके गांव की तस्वीर बदली है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति के प्रति सकारात्मक असर छोड़ा है।