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महाराष्ट्र सरकार ने 3 अक्टूबर को अभिजात मराठी भाषा दिवस घोषित किया

महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि से प्रत्येक वर्ष 3 अक्टूबर को अब से ‘अभिजात मराठी भाषा सन्मान दिन’ के रूप में मनाया जाएगा, जबकि 3 से 9 अक्टूबर तक पूरे सप्ताह को ‘अभिजात मराठी भाषा सप्ताह’ के रूप में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय पिछले साल 3 अक्टूबर 2024 को केंद्र सरकार द्वारा मराठी को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिए जाने के उपलक्ष्य में प्रस्तुत किया गया था। अब इसे महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में औपचारिक मान्यता मिल गई है यह घोषणा उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने महाराष्ट्र बजट 2025-26 में की।

सरकार की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि इस सप्ताह के दौरान राज्य व केंद्र स्तरीय सभी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक उपक्रम और निजी संगठन मराठी के संरक्षण, संवर्धन और लोकप्रियता के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे लघु निबंध, प्रतियोगिताएं, पांडुलिपियों की प्रदर्शनी, व्याख्यान, अनुवाद कार्यशालाएं आयोजित करेंगे ।

इस सप्ताह के दौरान रिद्धापुर में मराठी भाषा विश्वविद्यालय में एक उच्चस्तरीय शोध केन्द्र और अनुवाद अकादमी की स्थापना की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई है, ताकि मराठी की ऐतिहासिक धरोहर, साहित्य, प्राचीन ग्रंथों के संरक्षण और आधुनिकीकरण को मजबूत किया जा सके। इस निर्णय का हिन्दुमूल्य परिपेक्ष्य यह है कि महाराष्ट्र सरकार अब मराठी के सांस्कृतिक गौरव को ना केवल सम्मानित कर रही है, बल्कि उसे विभिन्न स्तरों पर संरक्षित, पढ़ाया और बढ़ावा देने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है।

3 अक्टूबर को मराठी भाषा दिवस के रूप में,
3–9 अक्टूबर में भाषा-संस्कृति सप्ताह के रूप में,
और रिद्धापुर में अनुसंधान केंद्र व अनुवाद अकादमी की स्थापना

ये सभी कदम मिलकर मराठी भाषा की ऐतिहासिक महत्ता एवं भविष्यगत प्रासंगिकता को दर्शाते हैं।