वैसे तो भारत में हर रोज साइबर स्कैम हो रहे हैं, लेकिन जो नए आंकड़े आए हैं वो हैरान करने वाले हैं। मोबाइल वायरस के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच गया है यानी मोबाइल में वायरस इंस्टॉल करने के लिए भारत हैकर्स की पहली पसंद बन गया है। इसका दावा एक नई रिपोर्ट में किया गया है जिसमें कहा गया है कि भारत मोबाइल वायरस का सबसे बड़ा शिकार है। इस मामले में अमेरिक और कनाडा की स्थिति बेहतर है। पिछले वर्ष भारत इस मामले में तीसरे स्थान पर था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में सबसे ज्यादा हमले ट्रोजन वायरस के रूप में हो रहे हैं। ये वायरस उपयोगकर्ताओं को धोखा देकर अपने फोन में खतरनाक सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करवा लेते हैं। खासकर वित्तीय क्षेत्र सबसे अधिक असुरक्षित है यानी बैंकिंग से जुड़े हमले बढ़ गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में बैंकिंग मैलवेयर हमलों में पिछले साल की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं मोबाइल स्पायवेयर (जासूसी सॉफ़्टवेयर) के हमलों में 111 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट के आंकड़े इस बात को साफ तौर पर दर्शाते हैं कि साइबर सुरक्षा के खतरों में लगातार वृद्धि हो रही है और इन हमलों में भारत सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इससे यह भी साफ है कि यूजर्स को अधिक सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है ताकि वे इन साइबर खतरों से बच सकें।
अंत में कहा जा सकता है कि भारत में मोबाइल वायरस, बैंकिंग धोखाधड़ी और साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। साइबर सुरक्षा के लिहाज से यह चिंता का विषय बन चुका है और यूजर्स को अपनी सुरक्षा के लिए सावधान रहने की जरूरत है।