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Jaya Verma Sinha: रेलवे बोर्ड की नई अध्यक्ष बनी जया वर्मा सिन्हा, संभाल चुकी हैं कई अहम जिम्मेदारियां

जया वर्मा सिन्हा ने रेल भवन में रेलवे बोर्ड की नई अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीइओ के रूप में शुक्रवार को पदभार संभाल लिया है.  गुरुवार को ही कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीइओ के  के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी थी. वह भारतीय रेलवे के इस सर्वोच्च पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं.

जया वर्मा सिन्हा ने रेलवे बोर्ड की नई अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। वह इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला है। इससे पहले रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अनिल कुमार लाहोटी देख रहे थे । भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को जिम्मेदारी मिली है। रेलवे की ओर से वरीयता के आधार पर चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था। इसमें जया को अध्यक्ष चुना गया।  

रेलवे के 105 साल के इतिहास में रेलवे बोर्ड की पहली अध्यक्ष हैं। हालांकि इससे पहले विजयलक्ष्मी विश्वनाथन रेलवे बोर्ड में सदस्य रही है। इस बार 2023 -24 के लिए रेलवे का बजट 2.4 लाख करोड़ रुपए का है। ऐसे में जया वर्मा इस अहम जिम्मेदारी को संभालने जा रही हैं। जया वर्मा सिन्हा ने रेलवे को 35 साल दिए हैं। 

जया वर्मा सिन्हा का प्रयाग राज से गहरा नाता रहा है। प्रयागराज में जन्मी जया वर्मा के पिता वीबी वर्मा सीएजी आफिस में क्लास वन आफिसर रहे हैं।  जय वर्मा सिन्हा की शिक्षा संगम नगरी में ही हुई है। स्कूली शिक्षा से लेकर स्नातक और परास्नातक भी उन्होंने प्रयागराज से किया।  

 संगम नगरी से गहरा रिश्ता रहा। प्रयागराज में ही उनका जन्म हुआ। स्कूली शिक्षा से लेकर स्नातक एवं परास्नातक भी उन्होंने प्रयागराज से ही किया। जया का पैतृक निवास अल्लापुर स्थित बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम में है। बचपन से ही मेघावी रही जया की स्कूली शिक्षा सेंट मेरी कान्वेंट इंटर कालेज से हुई। उसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी (पीसीएम) की। उन्होंने परास्नातक की पढ़ाई भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही की। यहां से उन्होंने मनोविज्ञान से परास्नातक किया। जया वर्मा ने पढ़ाई पूरी करने के बाद 1988 में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) ज्वाइंन किया. जया 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी हैं। 
 
 जया वर्मा सिन्हा  ट्रेनिंग के बाद 1990 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सहायक वाणिज्य प्रबंधक (एसीएम) चुनी गईं. अपने शुरुआती कार्य़काल में ही सुयोग्य प्रशासन से उन्होंने अपनी छवि बनाई। रेलवे कर्मचारी और उनकी यूनियन के साथ उनका अच्छा तारतम्य बना रहा। जया वर्मा सिन्हा ने चार साल तक बांग्लादेश के ढाका में रेलवे एडवाइसर के तौर पर काम किया और इन्ही के कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका के बीच मैत्री एक्सप्रेस का संचालन किया गया था.  

जया वर्मा ओडिशा के बालासोर में हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में काफी एक्टिव रही हैं. उन्होंने पूरे घटनाक्रम के दौरान अपनी खास नजर रखी थी. इसके अलावा पीएमओ में भी इस घटना को एक्सप्लेन करने और व्यवस्था को लेकर प्रजेंटेशन दिया था. इनके काम की खूब तारीफ हुई थी.


इससे पहले, जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड में सदस्य (परिचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में काम किया है. श्रीमती सिन्हा भारतीय रेलवे पर माल और यात्री सेवाओं के समग्र परिवहन के अहम जिम्मेदारी वाले पदों पर भी कार्य़ कर चुकी हैं।  उन्होंने परिचालन, वाणिज्य, आईटी और सतर्कता को कवर करने वाले विविध क्षेत्रों में काम किया है. वह दक्षिण पूर्व रेलवे की पहली महिला प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक भी नियुक्त हुईं. जया वर्मा सिन्हा वर्तमान में रेलवे बोर्ड की सदस्य हैं। जया 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी हैं। 


वह दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे, पूर्व रेलवे सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपना योगदान ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के वक्त भी जया वर्मा ने बड़ी भूमिका निभाई थी। हादसे से जुड़ी सभी जानकारी जया ही दे रही थीं। न जया के काम की काफी सराहना हुई।. रेलवे की ओर से वरीयता के आधार पर चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था। इस पैनल ने  रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद पर जया की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है।


 जया वर्मा सिन्हा को फोटोग्राफी का भी बहुत शौक है। देश भर में उनकी नियुक्ति का स्वागत हुआ है। बतौर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष उन्हें 2लाख 25 हजार  रुपए वेतन वाहन  भत्ते आवास आदि की सुविधा मिलेगी। रेल बोर्ड का अध्यक्ष का पद रेल मंत्री के बाद सबसे अहम हैं। इसके तहत 14 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इंडियन रेलवे की देख रेख का जिम्मा इसके ही अधीन है।