Breaking News

8:00 बजे स्नान, फिर क्रूज पर सवार होकर नमो घाट पहुंचेंगे पीएम मोदी, नामांकन का शेड्यूल जारी     |   मुंबई: होर्डिंग हादसे के मृतकों के परिजनों के लिए CM शिंदे ने किया 5-5 लाख रुपये की मदद का ऐलान     |   पंजाब के लिए AAP ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, मनीष सिसोदिया का भी नाम शामिल     |   लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान जारी, शाम 5 बजे तक 62.31 फीसदी वोटिंग     |   वायरल वीडियो पर तेज प्रताप ने दी सफाई, कहा- वो शख्स बीच में आकर धक्का दे रहा था     |  

इंफाल: हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान डीसी ऑफिस में तोड़फोड़, प्रदर्शनकारियों ने फूंकी गाड़ियां

मणिपुर में दो छात्रों की मौत को लेकर गुरुवार सुबह भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहा। अधिकारियों के अनुसार, इंफाल वेस्ट में एक उग्र भीड़ ने उपायुक्त (डीसी) कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो वाहनों में आग लगा दी। राज्य की राजधानी में छात्रों की अगुवाई में ये हिंसा मंगलवार को तब शुरू हुई थी जब जुलाई में लापता हुए एक लड़के और लड़की के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।

अधिकारियों ने बताया कि बीती रात उरीपोक, यैसकुल, सगोलबंद और टेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई जिसके कारण सुरक्षा बल को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों को रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने से रोकने के लिए टायर जलाकर सड़कों को बंद कर दिया। 

उन्होंने बताया कि भीड़ ने उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो चार पहिया वाहनों को फूंक दिया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने स्थिति को काबू में किया।  इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में सुरक्षाबलों के हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के बीच कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है। इन प्रदर्शनों में मंगलवार से लेकर अब तक 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। 

इस बीच, पुलिस ने बताया कि थौबल जिले के खोंगजाम में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में आग लगा दी गई। मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि भीड़ ने एक पुलिस वाहन को निशाना बनाया और उसमें आग लगा दी जबकि एक पुलिसकर्मी से मारपीट की और उसका हथियार छीन लिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसे अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छीने गए हथियारों को बरामद करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश अभियान चलाया गया है।

मणिपुर के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुरक्षाबलों से किशोरों पर ‘‘मनमाने ढंग से’’ लाठीचार्ज न करने, आंसू गैस के गोले न छोड़ने और रबड़ की गोलियां न चलाने का अनुरोध किया है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। 

मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं।वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।