राम मंदिर के उद्घाटन का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. इस बीच बीजेपी की दिग्गज नेता व राम मंदिर आंदोलन का रहीं उमा भारती का कहना है कि 5 शताब्दी हो गई थीं और इसकी सफलताओं के परिणाम तक पहुंच गए हैं. इस आंदोलन के लिए जिन लोगों ने अपने जीवन और जवानी को दिया है उनका अभिनंदन होना चाहिए. इसका श्रेय कोई नहीं ले सकता. पहला श्रेय कार सेवकों का है, जिन्होंने ढांचा गिरा दिया था. अगर ढांचा नहीं गिरता तो पुरातत्व विभाग खुदाई नहीं कर सकता था.
उन्होंने कहा कि ढांचे को गिराकर खुदाई करने की ताकत पुरातत्व विभाग की नहीं हो सकती थी. जब ढांचा गिर गया तो सबूत मिल गए. सबूत को माननीय कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. उस पर मुसलमानों ने भी आपत्ति नहीं की. इसके बाद का श्रेय बाकी लोगों को जाता है. अंतिम समय का श्रेय अशोक सिंघल को जाता है, जिन्होंने अभियान को चरम सीमा तक पहुंचाया. इन सबके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ को जाता है.