लोकसभा चुनाव की सियासी तपिश से साथ ही आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने अपना सियासी पाला बदल लिया है. आरएलडी उत्तर प्रदेश में पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन अब बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के साथ हो गई है. सूबे में इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ सीट शेयरिंग तय करने के बाद जयंत चौधरी का दिल पीएम मोदी के एक फैसले से बदल गया.
चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान के साथ ही जयंत चौधरी ने विपक्ष के बजाय सत्तापक्ष के साथ रहने का फैसला किया और यूपी में एनडीए में शामिल हो गए. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद जयंत चौधरी को कितना नफा और कितना नुकसान हो रहा