जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। एक तरफ भारत सिंधु जल संधि को स्थगित कर चुका है, तो वहीं पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना एयर स्पेस यानी हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। पाकिस्तान के इस फैसले से भारतीय एयरलाइंस कंपनियां काफी प्रभावित हुई हैं। उत्तर भारत के शहरों से उत्तरी अमेरिका, यूके, यूरोप और मध्य पूर्व के लिए जाने वाली उड़ानें अब अरब सागर के ऊपर से लंबे वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करेंगी। इस वजह से उड़ान की अवधि ढाई घंटे तक बढ़ जाएगी।
भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने से ईंधन ज्यादा खर्च हो रहा है और चालक दल के काम के घंटे भी बढ़ गए हैं। विमानन विशेषज्ञों के मुताबिक इसका यात्रियों पर असर पड़ने की संभावना है, क्योंकि हवाई किराया 8 से 12 फीसदी तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, पश्चिमी देशों की ओर जाने वाली उड़ानों को लंबे समय तक रुकना पड़ सकता है। हालांकि ये अब तक साफ नहीं है कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने से कुल कितनी उड़ानें प्रभावित होंगी।
शिकागो कन्वेंशन ने हर देश के क्षेत्र के ऊपर हवाई क्षेत्र की संप्रभुता के लिए प्रावधान किया है। ये कन्वेंशन किसी देश को दूसरे देशों के हवाई क्षेत्र में, उसके भीतर और उसके पार हवाई परिवहन उड़ानें संचालित करने की स्वतंत्रता को नियंत्रित करता है। शिकागो कन्वेंशन के मुताबिक अनुबंध करने वाला कोई भी देश किसी भी दूसरे देश के लिए हवाई मार्ग को नहीं रोक सकता है।
शिकागो कन्वेंशन के मुताबिक पाकिस्तान को हवाई मार्ग रोकने का अधिकार तो नहीं है लेकिन ये भी सच है कि फिलहाल उसने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई मार्ग रोक दिया है। पाकिस्तान के इस फैसले से भारतीय विमान कंपनियों की लागत काफी बढ़ जाएगी और इसका असर हवाई यात्रियों पर भी पड़ेगा।