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हरियाणा में पानी पीने लायक नहीं, वाटर टैंक में मिले मेंढक, कैग की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

हरियाणा के घरों में सप्लाई होने वाला पानी न तो पीने लायक है और न ही लोगों की जरूरतों को पूरा कर पा रहा है। यह खुलासा विधानसभा के मानसूत्र पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा के 25 स्थानों से पानी के नमूने लिए गए। एक सेट को करनाल की सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) की लैब में और दूसरे सेट को विश्लेषण के लिए श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (एसआरआई) नई दिल्ली भेजा गया। 

रिपोर्ट के मुताबिक पानी की शुद्धता तय मानकों पर खरी नहीं उतरी है। वहीं, 32 में से 23 स्थानों पर जलापूर्ति प्रति व्यक्ति आपूर्ति से कम पाई गई है। वहीं, शहरी क्षेत्र में 3.16 लाख कनेक्शनों में मीटर नहीं थे। 16 फीसदी लोगों ने माना कि एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई होती थी। वहीं, 21 फीसदी लोगों ने माना कि गर्मियों में पानी की भारी कमी थी।

पांच साल में 14 मौतें
कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2016-21 के दौरान जल-जनित बीमारियों के 2,901 मामले सामने आए और 14 लोगों की मौत हुई। सिर्फ चार जिले फतेहाबाद, करनाल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में 2016-21 के दौरान जल-जनित बीमारियों के 1,382 मामले और 12 लोगों की मौत हुई। वहीं, कैग ने यह भी पाया है कि कालका, असंध, इंद्री और हांसी उपमंडल में जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में भौतिक और रासायनिक परीक्षण की कोई सुविधा नहीं है।

12 स्थानों में पानी के नमूनों में क्लोरीन नहीं मिला
कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 25 में से 12 स्थानों में पानी के नमूनों में क्लोरीन नहीं मिला है। कुछ जगहों पर क्लोरीन की मात्रा ज्यादा पाई गई है, वहीं, कुछ जगहों पर तय मात्रा से कम पाई गई है।

वहीं, जल पंप संचालकों व जेई की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कई जगह क्लोरीन संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया था। इससे पता चलता है कि अधिकारी पेयजल की शुद्धता को लेकर जागरूक नहीं है।

पानी के 18104 नमूने फेल
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2016 से मार्च 2021 की अवधि के दौरान 2,64,025 पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया। इनमें से 18,104 नमूने (6.86 प्रतिशत) मानकों पर खरे नहीं उतरे।

वहीं, अगस्त 2021 से मई 2022 तक यह रिकॉर्ड नहीं मिला है। इसके तहत यह पता लगाया जा सके कि जिन-जिन क्षेत्रों में पानी के नमूने लिए गए थे, वहां शुद्ध पेयजल को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए।

वाटर टैंक में मिले शैवाल व मेंढक
जांच के दौरान वाटर टैंक में शैवाल व मेंढक मिले हैं। कटेसरा में सीडब्ल्यूटी के अंदर शैवाल के समूह थे, वहीं साहू के सीडब्ल्यूटी में मेंढक थे। कुछ टैंकों की सफाई संतोष जनक नहीं थी।