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सत्ता के लालच में सनातन पर वार, नेताओं के एक के बाद एक सुलगते बयानों से मचा घमासान

हमारे देश की राजनिति इस मुहाने पर आ गई है कि जहां सनातन धर्म और हिंदू धर्मग्रंथों को निशाना बनाया जा रहा है। धर्म के खिलाफ हमले का सिलिसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक तमाम ऐसे बयान निकलकर सामने आ चुके हैं। सियासी दलों के नेता अपनी राजिनिति चमकाने के लिए करोड़ो लोगों की आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं। धर्म पर बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। इस तरह की ओछी राजनिति से किसी भी राज्य का नेता पीछे नहीं रहा है। ये अपने आप में बेहद अहम बात है कि की जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय देश में सिर्फ धर्म का सहारा लेकर सियासत का सिक्का चमकाया जा रहा है। बेहद ही शर्म की बात है कि धर्म के आड़ें ऐसी घिनौनी राजनिति का खेल खेला जा रहा है। जहां धर्म को कुचलने की कोशिश की जा रही है।

बीते कुछ दिन पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया था जिसके बाद से समूचे देश में राजनिति का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया। दरअसल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके एस्टालिन के बेटे उदयनिधि ने बेहद ही तीक्ष्ण बयान दिया था। जिसके बाद से विवाद का शुरू हो गया। उन्होंने अपने बयान में सनातम धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस से की थी। इतना ही नहीं उन्होने ये भी कहा था कि इसे पूरी तरह से मिटाने की जरूरत है। 

उदयनिधि यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा था कि मैं सनातन धर्म का खुलकर विरोध करता हूं। कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जिनका विरोध नहीं कर सकते तो खत्म जरूर कर सकते हैं। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। 

बता दें कि उदय निधि के इस बयान के बाद से ये तो तय था कि अब ये सिलसिला थमने वाला नहीं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का पीछें कहां हटने वाली थी। वैसे भी सनातन धर्म का मुद्दा गरम है। बीजेपी ने बिना देऱ किए विपक्ष को आड़े हाथों लिया और हमलावर हो पलटवार भी शुरू कर दिया। बीजेपी वैसै भी ऐसे मौकों को भुनाने में लगी रहती है। उदयनिधि के इस बयान के बाद से विपक्ष भी डर गया। कहीं इस बयान की भरपाई गठबंधन को न करनी पड़ जाए। उदय निधि के बयान के बाद के मचे बवाल की चर्चा की जाए तो लंबी खिच सकती है। 

इतना ही नहीं अब आपको बिहार की ओर ले चलते हैं जहां एक ऐसा ही धर्म पर दिया गया बेहद ही अभ्रद बयान सामने निकलकर आया है। इस बार बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू धर्म के ग्रंथ राम चरितमानस पर विवादित टिप्पणी की। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर ने राम चरितमानस की तुलना जानलेवा पोटैशियम साइनाइड से की थी। इतना ही नहीं इन्होंने ने आगे कहा था कि पचपन तरह के व्यजंन यदि परोस कर उसमें पोटैशियम साइनाइड मिला दिया जाए को सोचो जरा क्या हाल होगा? हिंदू धर्म का भी ठीक ऐसा ही हाल है। साथ ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ये भी कहा था कि रामचरितमानस के अरण्यकांड की चौपाई पर भी तमाम सवाल उठाए थें।

तो इन्हीं बयानों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्तमान में सनातन धर्म को किस तरह से निशाना बनाया जा रहा है। कहीं सवाल उठाए जा रहे हैं तो कहीं धर्म का सहारा लेकर सियासी रोटियां सेकी जा रही हैं।