जयपुर के आवाज मोहम्मद दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के शिल्प बाजार में पारंपरिक लाख की चूड़ियां लेकर आए हैं, लाख केरिना लाका नाम के कीट से उत्पादित होने वाली प्राकृतिक राल से मिलता है। आवाज़ मोहम्मद ने कई स्कूलों और कॉलेजों में लाख की चूड़ियां और अन्य उत्पाद बनाने के तरीके पर वर्कशॉप लगाई हैं।
आवाज मोहम्मद जी20 शिखर सम्मेलन को लाख कला को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा मौका मान रहे हैं, आवाज मोहम्मद को ये कला अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है और वो इसे संरक्षित करने और विलुप्त होने से बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि "झारखंड से पेड़ों में से जो है लाख आती है, लाख के अंदर पाउडर औऱ रेजिंग मिलाकर उसको बनाया जाता है। जब उसको बनाकर जब चूड़ियां बनाते हैं तो हमारे राजस्थान का जो सुहाग है जब शादी होती है तो पहनते हैं, बच्चा होता है तब भी महिलाएं पहनती हैं और हमारा जो लाख का काम है वो डाइंग क्राफ्ट है।"
उन्होंने कहा कि "घर में म्यूजियम है छोटा सा जिसमें जो कला है वो मैंने संजोकर रखी है। जिसमें से कुछ मैं यहां पर लेकर आया हूं जैसे घोड़ा हैं डिब्बे हैं जिन्हें मैने बड़ी मेहनत से बनाया है। जो अब बन नहीं सकते हैं लेकिन क्या है कि इनको दर्शाने के लिए कि हमारी कितनी पुरानी कला है, कौरवों पांडवों के जमाने से जब लाक्षागृह बना था जब से ये हमारा लाक का काम है।"
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि "मेरी अपनी कला को प्रमोट करने के लिए मोदी साहब ने जी20 में हमको इनवाइट किया है ये किसी अवॉर्ड से कम नहीं है क्योंकि दुनिया की बड़ी बड़ी हस्ती यहां पर आ रही है और हमारी कला को देख रही है तो वो दिन दूर नहीं जब हमारा क्राफ्ट हमारा इंडिया जो है विश्व गुरू बनने में कोई दोराय नहीं है।"