Womens Reservation Bill: कांग्रेस के पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि 2010 में यूपीए सरकार महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं करा सकी क्योंकि बीजेपी ने सहयोग नहीं किया।
उन्होंने कहा, "हमें (2010 में) बीजेपी से उस प्रकार का सहयोग नहीं मिल सका। वे उतने इच्छुक नहीं थे, भले ही हमने उन्हें आम सहमति बनाने के लिए एक बैठक के लिए बुलाया था लेकिन हम इसे पास नहीं कर सके और यही कारण है कि हम इसे पारित नहीं करा सके।" मोइली ने अब मोदी सरकार के इस कदम को राजनैतिक बताया है।
मोइली ने कहा, "जब चुनाव करीब आ रहा है, तो ये पूरी तरह से राजनैतिक है। एक वर्ग के रूप में महिलाओं में उनकी कोई वैध रुचि नहीं है, बल्कि वे केवल सत्ता हासिल करने के लिए राजनैतिक रूप से रुचि रखते हैं।" 2010 में जब महिला आरक्षण बिल पहली बार राज्यसभा में पारित हुआ था तब वीरप्पा मोइली कानून मंत्री थे।