EVM-VVPAT मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. जस्टिस संजीव खन्ना व दीपांकर दत्ता की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील दी गईं कि यह व्यवस्था होनी चाहिए कि वोटर अपना VVPAT स्लिप बैलट बॉक्स में डाले. इस पर जस्टिस खन्ना ने सवाल किया कि वोटर के निजता का क्या होगा? इससे तो पता चल जाएगा कि उसने वोट किसको दिया है? एडवोकेट निजाम पाशा ने कहा कि वोटर की निजता से अधिक जरूरी है उसका मत देने का अधिकार. वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि वीवीपीएट मशीन में लाइट 7 सेकंड तक जलती रहती है, अगर वह लाइट हमेशा जलती रहे तो मतदाता पर्ची कटते, गिरते या अन्य पर्ची कटते हुए देख सकते हैं.