दिल्ली की एक अदालत ने बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर की ओर से कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत मंगलवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने थरूर को तलब करने से इनकार करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया शिकायत में “मानहानि का कोई तत्व नहीं” बताया गया है।
चंद्रशेखर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि थरूर ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए गए साक्षात्कार में झूठी और अपमानजनक टिप्पणियां करके उन्हें बदनाम किया। बीजेपी नेता के अनुसार, थरूर ने यह दावा करके उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान तिरुवनंतपुरम के मतदाताओं को पैसे की पेशकश की थी।
चंद्रशेखर ने दावा किया कि थरूर ने उन्हें बदनाम करने और पिछले आम चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के इरादे से उन पर जानबूझकर झूठे एवं बेबुनियाद आरोप लगाए। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आरोपी के कहने पर साक्षात्कार विभिन्न समाचार चैनलों के साथ-साथ सोशल मीडिया मंचों पर प्रकाशित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप समाज में शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और उसे लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
अदालत ने पिछले साल 21 सितंबर को शिकायत पर संज्ञान लिया था। इससे संबंधित घटनाक्रम में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को थरूर को मानहानि के मुकदमे में तलब किया, जिसमें चंद्रशेखर ने प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 10 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने मामले की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की। अदालत ने कहा, “शिकायत को मुकदमे के रूप में पंजीकृत किया जाए। प्रतिवादी (थरूर) को समन जारी किया जाए। मामले को 28 अप्रैल को सुनवाई के लिए संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज
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