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डीएमके: राज्यपाल रवि को इतिहास पढ़ना चाहिए, आरक्षण के लिए पहला संशोधन तमिलनाडु ही लेकर आया था

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की उप-महासचिव कनिमोझी ने कहा है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि को ये जानने के लिए इतिहास पढ़ना चाहिए कि आरक्षण के लिए पहला संशोधन तमिलनाडु ही लेकर आया था।

राज्यपाल आर.एन. रवि की 'सामाजिक भेदभाव' वाली टिप्पणी के जवाब में कनिमोझी ने कहा कि "उन्हें वापस जाना चाहिए और इतिहास पढ़ना चाहिए, क्योंकि आरक्षण के लिए पहला संशोधन तमिलनाडु द्वारा लाया गया था। सामाजिक न्याय एक समावेशी दुनिया का निर्माण कर रहा है। सामाजिक न्याय का मतलब है कि ये हर किसी के लिए समान अवसर प्रदान करता है और इसका मतलब है कि हर किसी को अधिकार है सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ जीना, यही सामाजिक न्याय है। उसे समझना होगा कि इसका क्या मतलब है, फिर उसे सामाजिक न्याय का मतलब समझे बिना बातें नहीं करनी चाहिए।" 

राज्यपाल आर.एन. रवि ने रविवार को कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सामाजिक न्याय की बात करने वाला राज्य जाति के नाम पर लोगों का शोषण कर रहा है। उनका मौन इशारा तमिलनाडु के मंत्री स्टालिन की "सनातन धर्म" के बारे में विवादास्पद टिप्पणी पर था।