देश में जब चुनावी मौसम आता है तो बड़े सारे इतिहास रचे जाते है. आज से 23 साल पहले यानी साल 2000 में हुए उपचुनाव में भी एक ऐसा ही इतिहास रचा गया था, जब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक को लोगों ने चुना, नाम था शबनम बानो उर्फ शबनम मौसी. आज 23 साल बाद शबनम मौसी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन नया कीर्तिमान रचने के लिए नहीं, बल्कि उन पर हुई एफआईआर के कारण.
पुलिस का कहना है कि शबनम मौसी को पिस्तौल जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद उन पर आदेश की अवहेलना करने के लिए धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया. खबरों के मुताबिक, शबनम के पास दो बंदूक थीं. उन्होंने एक जमा करवा दी, जबकी दूसरी नहीं करवाई. इस चूक के बाद प्रशासन ने पिस्तौल का लाइसेंस रद्द कर दिया.