महाराष्ट्र: सियाचिन में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीर का पार्थिव शरीर सोमवार को बुलढाणा स्थित उनके घर पर लाया जाएगा। दिवंगत अग्निवीर को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे शहर में शहीद अक्षय लक्ष्मण गवते के पोस्टर लगाए गए हैं।
काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को बर्फ के कहर और तेज़ हवाओं से जूझना पड़ता है। सेना की तरफ से जानकारी दी गई कि शनिवार सुबह लक्ष्मण शहीद हुए।
सैन्य सूत्रों ने कहा कि अग्निवीरों की शहादत के मामले में बनाए गए नियमों के मुताबिक युद्ध में हताहत होने पर मृत्यु के मामले में पारिश्रमिक (वेतन) भी शामिल है। युद्ध में हताहत अग्निवीर के मृतक के परिजनों को गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी।
इसके अलावा परिजनों को अग्निवीर की तरफ से योगदान की गई सेवा निधि (30 प्रतिशत) से एक राशि भी मिलेगी, जिसमें सरकार की तरफ से समान योगदान और उस पर ब्याज भी शामिल होगा। शेष बचे कार्यकाल के अनुसार घरवालों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक 13 लाख रुपये से अधिक का भुगतान भी मिलेगा। मृतक के परिवार को सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये का योगदान भी मिलेगा।