यौन उत्पीड़न से जुड़े एक केस की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने POCSO एक्ट पर बड़ी बात कही. हाई कोर्ट ने कहा कि किसी नाबालिग को सामान्य तरीके से छूना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून के तहत यौन अपराध नहीं है. हाई कोर्ट कहा कि पेनिट्रेटिव यौन अपराध करने के लिए सामान्य तरीके से स्पर्श करने को किसी नाबालिग के शरीर से छेड़छाड़ नहीं माना जा सकता.