मणिपुर की इंफाल घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खाली पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि सुरक्षा बल द्वारा हवा में फायरिंग के बाद भीड़ की तरफ से की गई इस कोशिश को नाकाम करने में कामयाब रहे।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह राज्य की राजधानी में कड़ी सुरक्षा से लैस आधिकारिक आवास में रहते हैं। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की विजिबिलिटी को कम करने के लिए पूरे इलाके में बिजली कनेक्शन बंद कर दिया। साथ ही सीएम के पैतृक आवास के पास पहले वाले बैरिकेड में और ज्यादा बैरिकेड जोड़े गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आरएएफ और राज्य पुलिस के जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों ने पास की सड़क के बीचों बीच टायर भी जलाए।
मणिपुर में दो युवकों की मौत के बाद छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बीच ये घटना हुई। इंफाल पश्चिम जिले में गुरुवार तड़के भीड़ ने उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो फोर व्हीलर वाहनों में आग लगा दी। हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद दो जिलों इंफाल पूर्व और पश्चिम में बुधवार को फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया। इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में मंगलवार से अब तक 65 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। जुलाई में लापता हुए दो युवाओं के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के एक दिन बाद मंगलवार को राज्य की राजधानी में हिंसा दोबारा भड़क गई। इससे पहले मणिपुर में कई मंत्रियों के घरों पर हमला किया गया था। मणिपुर में पिछले पांच महीने से जातीय संघर्ष चल रहा है।