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महिला आरक्षण बिल पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना, उठाए ये सवाल

महिला आरक्षण पर विपक्षी दलों के सवालों का सिलसलिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।  बीएसपी की मायावती के बाद अब इस बिल को लेकर सपा नेता अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता, जिसमें कई साल लग जाएँगे, तो भाजपा सरकार को इस आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी. भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है न जातिगत गणना के, इनके बिना तो महिला आरक्षण संभव ही नहीं है. इनता ही नहीं अखिलेश ने ये भी कहा कि ये आधा अधूरा बिल महिला आरक्षण’ जैसे गंभीर विषय का उपहास है, इसका जवाब महिलाएं आगामी चुनावों में भाजपा के विरूद्ध वोट डालकर देंगी.

बात दें कि संसद के विशेष सत्र का तीसरा दिन है। महिला आरक्षण को लेकर बड़ी बहस होनी है ऐसे में दिन बेहद ही अहम साबित होने वाला है। जिसको लेकर सुबह से सुगबुगाहट का दौर शुरू हो गया है। देश के हर नागरिक में कास उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर महिला आरक्षण पर क्या कुछ सामने निकलर का आ सकता। संसद मे आज तीसरे दिन की चर्चा की शुरूआत हो चुकी है। 27 साल से लटके महिला आरक्षण बिल की किस्मत आखिरकार खुल गई है.

 इससे पहले प्रधानमंत्री रहते जो न एचडी देवगौड़ा कर पाए, न अटल बिहारी वाजपेयी काल में हो पाया और न ही मनमोहन सिंह कर पाए, वो प्रधानमंत्री  मोदी  ने कर दिखाया. पहली बार बिल के कानून बनने की राह आसान हो गई है. सदन में पहली बार बिल की राह में कोई अड़चन नहीं आई. नई संसद के नए लोकसभा सदन में पहले ही दिन मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया. अब इस पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा होगी. बिल का नाम है- नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल-2023, जिसके तहत महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें रिजर्व होंगी.