भ्रामक विज्ञापन मामले में आयुष मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है. सरकार ने अपने हलफनामे के माध्यम से एक एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की वकालत की है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि व्यक्तियों के पास आयुष या एलोपैथिक दवाओं का लाभ उठाने का विकल्प है.