New Delhi उच्चतम न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के सम्मान में बुधवार को एक मिनट का मौन रखा। लंच के बाद करीब दो बजे सभी अदालतों ने मौन रखा। दोपहर करीब 1.59 बजे सायरन बजते ही न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और वादियों सभी ने मौन अवस्था में खड़े होकर दोपहर दो बजे तक दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री ने एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दोपहर दो बजे न्यायाधीश, वकील, कर्मचारी और अदालत में मौजूद अन्य व्यक्ति मौन रखेंगे। वकील और उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के 300 से अधिक सदस्य आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उच्चतम न्यायालय के लॉन में एकत्र हुए। एससीबीए ने पहलगाम के शांतिपूर्ण क्षेत्र में निर्दोष पर्यटकों के खिलाफ किए गए बर्बर और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों की निंदा की।
एससीबीए के प्रस्ताव में कहा गया है, "लोगों की दुखद मौत पर हम शोक व्यक्त करते हैं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हमारी संवेदनाएं और कामनाएं घायलों के साथ हैं। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। हिंसा के ये निंदनीय कृत्य मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला हैं। निहत्थे, निर्दोष लोगों को निशाना बनाना अक्षम्य बर्बरता है।"
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने एक पर्यटक स्थल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। इसके अलावा कई अन्य लोग घायल हो गए। मृतकों में संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं।