देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार की सुबह 55 जगहों पर 'अभ्यास सुरक्षा चक्र' नाम से क्षेत्रीय स्तर पर कई एजेंसियों को मिलाकर आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल की शुरुआत शहर के सभी 11 जिलों में औद्योगिक और नागरिक क्षेत्रों में नकली भूकंप की स्थिति के बाद रासायनिक रिसाव से पैदा होने वाले खतरों से निपटने की शुरूआत से हुआ।
इस अभियान में एनडीआरएफ, सशस्त्र बलों, नागरिक सुरक्षा, दिल्ली पुलिस और दूसरी संबंधित टीमों ने नकली बचाव अभियान, हताहतों को निकालने और पीड़ितों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराने का नकली बचाव अभियान चलाया। जैसे ही सायरन बजा, कई अलग-अलग एजेंसियों के कर्मचारी दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में इकट्ठा हुए और मॉक ड्रिल के तहत बचाव कार्य किया।
पश्चिमी दिल्ली में रमेश नगर के ब्लू लाइन मेट्रो स्टेशन पर आयोजित मॉक ड्रिल में भूकंप के बाद बचाव और हताहतों को बचाने का अभ्यास किया गया। मृत या गंभीर रूप से घायल होने का दिखावा करने वाले लोगों की आपदा टीमों ने तुरंत मदद की और उन्हें आस-पास के अस्पतालों में पहुँचाया।
दक्षिण दिल्ली के मदर इंटरनेशनल स्कूल में भी इसी तरह का एक मॉक ड्रिल किया गया, जिसमें अधिकारियों ने बचाव और निकासी प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास का मकसद राष्ट्रीय दिल्ली में आपातकालीन समय में आपसी समन्वय को परखना और उसमें सुधार करना था, जिसमें दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 18 ज़िले शामिल थे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए ने भारतीय सेना तथा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों के साथ मिलकर इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया था।