New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका को 10 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ानें रद्द किए जाने से प्रभावित यात्रियों को सहायता और टिकट के पैसे वापस करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष सोमवार को याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने इंडिगो संकट के मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग फंसे हुए हैं। हवाई अड्डों पर जमीनी हालात अमानवीय हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अदालत हवाई अड्डों पर फंसे लोगों के लिए इंडिगो और जमीनी स्तर पर सहायक कर्मचारियों को आदेश देगी। पैसे वापस करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।’’ जब अदालत ने कहा कि सरकार इस मामले में पहले ही कुछ निर्देश दे चुकी है, तो वकील ने सकारात्मक जवाब दिया। पीठ ने कहा कि जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार को दिल्ली और बेंगलुरु हवाई अड्डों से इंडिगो की 250 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं क्योंकि संकटग्रस्त विमानन कंपनी के उड़ान संचालन में व्यवधान सातवें दिन भी जारी रहा। उन्होंने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर 134 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें 75 प्रस्थान और 59 आगमन उड़ानें थीं। वहीं, बेंगलुरु हवाई अड्डे पर एयरलाइन ने 127 सेवाएं रद्द कीं।
इंडिगो को पायलटों की उड़ान ड्यूटी और विनियमन मानदंडों में नियामक परिवर्तनों का हवाला देते हुए दो दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द करने के लिए सरकार और यात्रियों दोनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।