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न्यूटिमा अस्पताल के स्टोर से दवा लेना मरीजों की मजबूरी, विरोध करने वाले से बाउंसर करते हैं बदसलूकी

मेरठ: अगर आप बड़े अस्पताल में इलाज करने जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि दवाई के नाम पर ठगी का अगर आपने विरोध किया तो अस्पताल स्टाफ के बाउंसर आपसे बदसलूकी कर सकते हैं। जी हां मेरठ के न्यूटीमा अस्पताल में अस्पताल के स्टोर से महंगी दवाइयां खरीदने पर मजबूर करना और विरोध करने पर बाउंसर द्वारा बदसलूकी करने का मामला सामने आया है ।इस मामले पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने एक जांच भी सेटअप कर दी थी। खुद सरधना विधायक अतुल प्रधान ने भी इस मुद्दे को उठाया इसके बाद अस्पताल प्रशासन और सरधना विधायक के बीच तनातनी शुरू हो गई। लेकिन अब प्रशासनिक जांच में अस्पताल प्रशासन की करगुजारियों का पर्दाफाश हो गया। अस्पताल में मरीजों के साथ खराब व्यवहार और महंगी दवाइयां खरीदने पर मजबूर करने का मामला उजागर हो चुका है।

चिकित्सीय सुविधाओं के लिए इस अस्पताल को मेरठ का सबसे हाईटेक अस्पताल माना जाता है। बड़े इलाजों की बात करें तो आम आदमी न्यूटिमा अस्पताल पर भरोसा जताता है। लेकिन इस अस्पताल में खुली लूट मच रही है। लाखों के बिल के जरिए मरीज और तीमारदारों की जेब पर खुली लूट की जा रही है। इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से की गई। जिस पर बृजेश पाठक ने प्रशासनिक जांच के निर्देश जारी कर दिए। अब प्रशासनिक जांच हुई तो अस्पताल प्रशासन की करगुजारियां उजागर हो गई।

वहीं सीएमओ मेरठ अखिलेश मोहन ने कहा, अस्पताल में बाउंसर रखना गैरकानूनी है। साथ ही मरीज और उनके तीमारदारों को अस्पताल में बने स्टोर से दवाई लेने पर मजबूर करने पर भी लीगल एक्शन बनता है। जब बयान मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन का है। जबकि प्रशासनिक जांच में स्पष्ट हो गया कि न्यूटिमा अस्पताल में मरीज और तीमारदारों के साथ बाउंसर गलत व्यवहार कर रहे थे ।साथ ही उन्हें कोडिंग के जरिए दवा लिख कर दी जा रही थी। जो केवल अस्पताल में बने दवा स्टोर से ही मिलती है। यानी अगर कोई बाहर से दवा खरीदना चाहे तो बाउंसर उसके साथ बदसलूकी भी करते है ।

न्यूटिमा अस्पताल के खिलाफ समाजवादी और आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोल रखा है ।समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान पर न्यूटिमा अस्पताल में हंगामा करने पर FIR दर्ज की गई. जिसमें पहले अतुल प्रधान को आरोप मुक्त किया गया और फिर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। वहीं आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है अस्पताल को अवैध रूप से बनाया गया है। पार्किंग के स्थान पर बेसमेंट को कर करके अस्पताल बना दिया गया है। वहीं शहर में इतने बड़े अस्पताल के अवैध निर्माण पर अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं ।मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडे की माने तो अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। अगर सही जवाब नहीं आया तो कार्रवाई की जाएगी।

न्यूटिमा अस्पताल के पक्ष में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी कूद पड़ा। लेकिन प्रशासनिक जांच रिपोर्ट आने के बाद पैरवी करने वालों के मुंह बंद हो गए। अब देखना यह होगा की ऊंची पहुंच और रसूक रखने वाले अस्पताल के डॉक्टर पर रिपोर्ट के आधार पर कारवाई कब तक होगी।

रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा, मेरठ