Breaking News

हैदराबाद से बीजेपी प्रत्याशी माधवी लता ने लगाया वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप     |   महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए     |   लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में दोपहर 1 बजे तक 40.32% मतदान     |   ग्वालियर में रिटायर्ड जवान ने तीन लोगों को गोली मारी, बिजली का तार लगाने को लेकर हुआ था विवाद     |   सीबीएसई ने 10वीं के नतीजे घोषित किए     |  

निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह बरी, पहले मिली थी मौत की सजा

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को नोएडा के कुख्यात निठारी हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। दोनों को बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। सुरेंद्र कोली को 12 मामलों से बरी किया गया है. इन मामलों में उसे ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, मोनिंदर सिंह पंढेर को जिन दो मामलों में फांसी की सजा मिली थी, उसे भी रद्द कर दिया गया है. दोनों आरोपियों ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. 

निठारी कांड में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए थे. इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिल चुकी है. जबकि, मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 मामले दर्ज थे. इनमें 3 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी. दो मामलों में वह पहले ही बरी हो गया था. हाईकोर्ट ने कोली को 12 मामलों में बरी किया है. वहीं पंढेर को 2 मामलों में बरी किया गया है. हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर सबूत और गवाहों के अभाव में इन दोनों को बरी कर दिया गया है. 

जब निठारी की कोठी से मिलने शुरू हुए नरकंकाल 
यह घटना 2006 की है, जब नोएडा के निठारी गांव स्थित कोठी नंबर D-5 के बगल वाले नाले से नरकंकाल मिलने शुरू हुए. यह कोठी मोनिंदर सिंह पंढेर की थी. उसके घर सुरेंद्र कोली नाम का नौकर रहता था. कोली पर आरोप है कि वह कोठी पर लड़कियों को लाता था. उनसे रेप करता था. फिर हत्या कर लाश के टुकड़े बाहर फेंक आता था. निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब होने के बाद मामले का खुलासा हुआ.

जो लड़की कोठी गई, वापस नहीं लौटी
हुआ यूं कि 7 मई 2006 को पायल नाम की लड़की लापता हो गई थी. वह मोनिंदर पंढेर की कोठी में रिक्शे से आई थी. उसने रिक्शेवाले को कोठी के बाहर रोका और वापस आकर पैसे देने की बात कही थी. काफी देर बाद जब वह वापस नहीं लौटी तो रिक्शेवाला पैसे लेने के लिए कोठी का गेट खटखटाया. इस पर उसे सुरेंद्र कोली ने बताया कि पायल काफी देर पहले जा चुकी है. सुरेंद्र की बात पर रिक्शेवाले को शक हुआ. उसका कहना था कि पायल बाहर निकली ही नहीं. फिर उसने यह बात पायल वालों के घर तक पहुंचाई. इसके बाद पायल के पिता ने एफआईआर दर्ज कराई कि उनकी बेटी कोठी से गायब हुई है. इससे पहले निठारी से एक दर्जन से अधिक बच्चे/लड़कियां गायब हुई थी. ऐसे में पुलिस पूरी सतर्कता से केस में जुट गई. 

पुलिस ने जब सुरेंद्र और मोनिंदर से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने पायल की रेप के बाद हत्या कर लाश कोठी के बराबर में नाले में फेंकने की बात कबूल ली. इस बीच दोनों की निशान देही पर दिसंबर 2006 को नोएडा पुलिस ने नाले से बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद किए थे. 

रेप, मानव अंगों की तस्करी और शव खाने के आरोप
बताया गया मोनिंदर और सुरेंद्र कोठी पर लड़कियों को किसी बहाने से बुलाते थे और रेप के बाद हत्या करके उनकी लाश काटकर नाले में फेंक देते थे. लोगों का यह भी कहना था कि पंढेर की कोठी से मानव अंगों का व्यापार होता था. वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे. जिसे विदेशों में बेंचा जाता था. इतना ही नहीं हत्या के बाद अंगों को पका कर खाने का भी आरोप उनपर लगा था.  

पुलिस ने मोनिंदर और सुरेंद्र के खिलाफ रेप और हत्या के कुल 19 मामले दर्ज किए. निठारी केस में CBI ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, रेप और सबूत मिटाने के केस में आरोपी बनाया था. जबकि, मनिंदर को मानव तस्करी का भी आरोपी बनाया गया था. सीबीआई ने 46 गवाहों गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए. वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से महज 3 गवाह पेश किए गए.