Uttarakhand: साल भर पर्यटकों से गुलजार रहने वाले उत्तराखंड के लोकप्रिय पर्यटन स्थल नैनीताल में गर्मियों के मौसम में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। अप्रैल से जून तक यहां काफी सैलानी घूमने आते थे। आमतौर पर ये हिल स्टेशन का पीक टूरिस्ट सीजन होता है। लेकिन इस साल सैलानियों की संख्या में आई कमी से कारोबार पर असर पड़ा है।
शहर के होटल एसोसिएशन के मुताबिक मंदी की दो अहम वजह है। पहला- नैनीताल में 12 साल की नाबालिक लड़की से कथित बलात्कार के बाद से शहर में पैदा हुआ सांप्रदायिक तनाव। दूसरा- पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव।
पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि इन दोनों ही घटनाओं के बाद से सैलानी अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंता में हैं। पर्यटन में मंदी का असर सिर्फ होटल व्यवसायियों पर ही नहीं पड़ा है। छोटे व्यवसायों और दिहाड़ी मजदूरों की कमाई भी काफी कम हो गई है।
उधर, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के बाद नैनीताल के पर्यटन उद्योग को उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। होटल बुकिंग में तेजी आने लगी है, लेकिन ये उतनी नहीं है जितनी की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि शांति और स्थिरता पर्यटकों को वापस लाएगी और उनकी आजीविका में सुधार होगा।