रेलकोच कारखाना के अस्पताल में कार्यरत नेत्र चिकित्सक नशे का आदी था। उसने गुस्से में अपने परिवार को खत्म कर दिया। पहले बीवी और दोनों बच्चों की हथौड़ी मारकर हत्या कर दी और फिर खुद फांसी लगा ली। उसकी पत्नी और दोनों बच्चों के शव एक ही बेड पर पड़े मिले। बुधवार को आईजी तरुण गाबा तहकीकात करने पहुंचे और कहा कि घटना के हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मिर्जापुर जनपद के फरदहा घाटमपुर थाना अहरौरा निवासी डॉ. अरुण सिंह आरेडिका के अस्पताल में लगभग छह साल से तैनात था। वह पत्नी अर्चना, बेटी अदीवा और बेटे आरव के साथ आवासीय कालोनी टाइप-4 में रहता था। वह सोमवार और मंगलवार को बिना बताए ड्यूटी से गायब था। मंगलवार की देर रात अस्पताल के कर्मचारी उसके घर पहुंचे। मुख्य दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। अन्य दो दरवाजे अंदर से बंद थे। खिड़की से झांककर देखने पर घटना की जानकारी हुई।
अंदेशा जताया जा रहा है कि रविवार की रात चिकित्सक ने मिठाई में नशीली दवा मिलाकर बीवी और बच्चों को खिला दी, फिर चेहरे और सिर पर हथौड़ी मारकर उनकी हत्या कर दी। बाद में खुद ग्राइंडर मशीन से अपनी नस काटनी चाही और असफल होने पर फांसी लगाकर जान दे दी।