आठ वर्षीय बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के दोषी रामबाबू और सोनू को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस प्रकरण में पुलिस ने सिर्फ नौ दिन में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इसके बाद सुनवाई भी तेजी से हुई।
ट्रायल के 18 वें दिन विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीपक यादव ने दोनों को दोषी मानते हुए निर्णय सुना दिया। दोनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी डाला गया है। इस प्रक्रिया में पीड़ित से कई सवाल हुए, उसने डटकर गवाही दी।
प्रदेश के डीजीपी की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत पुलिस को विवेचना एवं चार्जशीट शीघ्र लगाने के निर्देश हैं। नौ अक्टूबर को एक चप्पल कारखाने में हुई घटना पड़ोसी महिला के माध्यम से बच्ची के स्वजन को पता चली थी। लोक अभियोजक अमोल जौहरी ने बताया कि दूध लाने के बहाने बच्ची को चप्पल कारखाने में बुलाया था। वहां अप्राकृतिक दुष्कर्म किया गया। बच्ची काफी देर बाद कारखाने से निकली तो पड़ोसी महिला को शक हुआ। उसी रात बच्ची की दादी घर में न होने से वह जानकारी नहीं दे सकी।
सिविल लाइंस थाने के प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई ने 21 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की। तीन नवंबर से सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान बाबी उर्फ दिलीप को संदेह और साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। शेष को सजा सुनाई गई।