Breaking News

सलमान फायरिंग केस: मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार सभी आरोपियों पर MCOCA की धाराएं लगाईं     |   मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से BJP उम्मीदवार होंगे उज्जवल निकम, पूनम महाजन का टिकट कटा     |   सुनीता केजरीवाल का दिल्ली में रोड शो, कोंडली इलाके में लगाए गए 'I Love Kejriwal' के पोस्टर और बैनर     |   गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसायटी में मर्डर, BSF के पूर्व जवान ने एक शख्स की मारी गोली     |   जहांगीरपुरी महिला हत्याकांड: पुलिस ने गोरखपुर से हिरासत में लिया मुख्य आरोपी     |  

सभी फॉर्मेट में वर्ल्ड नंबर वन भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी ट्रॉफीज के करीब पहुंचकर भी दूर

टीम इंडिया दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। अभी बीते कुछ दिन पहले वनडे विश्व कप में जिस तरह टीम इंडिया ने अपना खेल दिखाया है, उससे दुनिया भर में सभी दिग्गजों ने भारतीय टीम के खेल को एक अलग स्तर का बताया है. वो बात अलग है कि टीम इंडिया वनडे विश्व कप का फाइनल मुकाबला नहीं जीत सकी, लेकिन टीम इंडिया ने फैंस के दिल को जीतने में कामयाबी हासिल की हैं.   

पिछले पूरे दशक में भारतीय क्रिकेट टीम सिर्फ चार टूर्नामेंट जीती। 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2016, 2018 और 2023 में एशिया कप। टीम इंडिया  टी20 वर्ल्ड कप और 50 ओवर वर्ल्ड कप जीतने में पूरी तरह नाकाम रही। 2014 में टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत श्रीलंका से हार गया। 2015 में 50 ओवर के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार हुई। 2016 में घरेलू मैदान पर टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज से मात मिली। 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान से और 2019 में वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार हुई। 2021 में तो टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप के नॉकआउट स्टेज में भी जगह नहीं बना सकी। जबकि 2022 में सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों हार मिली। 

2023 में टीम इंडिया ने कई रिकॉर्ड बनाए। वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में लगातार 10 मैच जीते। लेकिन फाइनल में एक बार फिर फिसल गए और ऑस्ट्रेलिया से हार गए। इसके अलावा न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से दो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल की हार को भी नहीं भूलना चाहिए। टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भारत का प्रदर्शन वाहियात रहा। बाकी टूर्नामेंट में भारत ने अपना दबदबा लगभग बनाए रखा है। लेकिन महत्वपूर्ण मैचों में दूसरे स्थान पर रहा है। सवाल है कि क्या टीम इंडिया पर 140 करोड़ लोगों की उम्मीदें हावी हैं?

बेशक ये एक वजह हो सकती है। फैंस का हुजूम निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट को खास बनाता है और खिलाड़ियों को बिना शर्त समर्थन देता है। लेकिन इससे खिलाड़ियों पर दबाव भी बढ़ता है। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम जीत में माहिर है। फिर भी अपने देश में उन्हें भगवान का दर्जा नहीं मिलता। 

भारत के लार्जर देन लाइफ छवि वाले क्रिकेटर अक्सर अपने काम पर ध्यान देने के लिए "बाहरी शोर-शराबा" बंद करने की बात करते हैं। लेकिन ये सिर्फ बहाने हैं। जो टीम जीतीं, निश्चित रूप से वे उस दिन रणनीतिक रूप से बेहतर थीं। टीम इंडिया को इन खेलों के लिए योजना बनाना सीखना होगा। एक नहीं, बल्कि कम से कम तीन योजनाओं का विकल्प रखना होगा। क्योंकि महत्वपूर्ण खेल पलक झपकते ही बदल सकते हैं। शुरुआती योजनाएं नाकाम होने के बाद भारत को वापसी के लिए संघर्ष करते देखा गया है।

अब सब कुछ कहा और किया जा चुका है। अब भारत को भविष्य में होने वाले टूर्नामेंट्स पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही उनके लिए बेहतर तरीके से पूरी तैयारी करनी की कोशिश करनी चाहिए।