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IPL में 8 करोड़ 40 लाख में बिके मेरठ के रहने वाले समीर रिजवी, घर में खुशी का माहौल

आईपीएल 2024 की नीलामी में उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले समीर रिजवी का जलवा देखने को मिला,  20 साल के इस क्रिकेटर की 8 करोड़ 40 लाख रुपए तक बोली गई और चेन्नई सुपर किंग ने इसको खरीद लिया समीर दाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज हैं और उन्होंने घरेलू टूर्नामेंट में खूब रन बनाए हैं, समीर को छक्के पर छक्का लगाने के लिए माना जाता है।

समीर रिजवी मेरठ के रहने वाले हैं और उनका जन्म 2003 में हुआ था समीर रिजवी ने यूपी टी20 लीग में कानपुर सुपरस्टार के लिए सबसे ज्यादा छक्के लगाए थे और समीर अंडर-19 में इंडिया बी के लिए खेल चुके हैं। बताया जा रहा है कि 8 करोड़ 40 लख रुपए में बिकने के बाद समीर सबसे महंगे प्लेयर्स की टॉप 10 की लिस्ट में भी शामिल हो गए हैं।

मेरठ की इस धरती ने अच्छे क्रिकेटर दिए हैं जिसमें भुवनेश्वर कुमार का भी नाम आता है और अब समीर रिजवी भी अपना जलवा दिखाने के लिए आ रहे हैं, समीर का परिवार वैसे तो मेरठ के लोहिया गांव का रहने वाला है लेकिन फिलहाल वह अपने परिवार के साथ मेरठ के लाल कुर्ती इलाके में रहते हैं समीर चार बहन भाई में सबसे छोटे हैं।

समीर के पिता हसीन बताते हैं कि शुरू से ही समीर को पढ़ाई में कोई रुचि नहीं थी और समीर के मामा ही उसके कोच हैं ,समीर के पिता का कहना है कि जब पढ़ाई में समीर को रुचि नहीं थी और क्रिकेट में ही थी तो वह खुद उसके साथ में इसकी सपोर्ट में आ गए और उसको प्रैक्टिस के लिए मैदान में छोड़कर आना और फिर लेकर आना यह उनका रूटीन बन गया। एक कहावत है कि खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब और पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब यह कहावत समीर पर उल्टी बैठी है क्योंकि समीर ने कोई ज्यादा पढ़ाई लिखाई नहीं की है लेकिन आज वह क्रिकेट की दुनिया में एक जाना माना नाम बनकर उभरे हैं।

समीर के पिता हसीन कहते हैं कि उन्होंने कई बार समीर से पढ़ाई लिखाई के लिए कहा लेकिन समीर का मन पढ़े-लिखी में नहीं था वो बताते हैं कि वह 8 साल से क्रिकेट खेल रहा है वो मना करते थे कि खेल मत पढ़ाई कर लेकिन समीर नहीं मानता था और इसके मामा तंकीब अख्तर ने ही इसको क्रिकेट मैच सिखाया , समीर के पिता बताते हैं कि समीर ने हाई स्कूल भी नहीं किया है समीर अब तक अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 के कैप्टन भी रह चुके हैं समीर के पिता बताते हैं कि उनको नहीं लगता था कि समीर की इतनी बोली लगेगी, घर में खूब खुशी का माहौल है, समीर के पिता बताते हैं कि उनके मामा ही उनके कोच हैं और सभी उनकी मेहनत है। 

वही समीर का कहना है कि जो मेहनत उन्होंने की है उसका फल उनको अब मिल रहा है बहुत खुशी हो रही है समीर बताते हैं कि उनके पिता उनको कभी-कभी डांटे भी थे और पढ़ाई पूरी करने के लिए कहते थे लेकिन वह अंदर से उसको सपोर्ट ही करते थे, मेरे पिता ही मुझको ग्राउंड पर लेकर जाते थे खाना लेकर के आते थे और वापस लेकर जाते थे मेरे पिता मुझे बहुत सपोर्ट करते थे पूरी फैमिली का ही सपोर्ट उनके साथ रहा है ,क्रिकेट में ऊंचा नीचा होता है लेकिन कोई परेशानी खास नहीं आई है कभी रन नहीं बनते थे तो बहुत अफसोस होता था, समीर कहते है की मेहनत करने से हमेशा सफलता आपको मिलेगी ही मेहनत करते रहना चाहिए , वह कहना चाहते हैं उनसे बच्चों से की मेहनत करते रहें समीर बताते हैं कि उनका सबसे ज्यादा सपोर्ट उनके कोच मामा का रहा है , समीर का कहना है कि उनका सपना है कि वह एक दिन इंडियन क्रिकेट टीम में खेले ,उनका बचपन से ही यह सपना है कि एक दिन वह इंडियन टीम में जाएंगे और इंडिया के लिए खेलेंगे।

समीर के कोच तंकीब अख्तर जो कि उनके मामा भी हैं बताते हैं कि 5 साल की उम्र से ही समीर उनके साथ ग्राउंड में जाता था और वहां खेल को देखा था उसको शुरू से ही क्रिकेट का ही शौक था बचपन से ही वह शानदार बैटिंग करता था और वहीं से उसकी जर्नी शुरू हुई है, आईपीएल में जो उसकी बोली लगी है वह एक आइडियल है वह बहुत छक्के मारता है बहुत अच्छा रहेगा चेन्नई में इतने महंगा खरीदा है तो कुछ सोच कर ही खरीदा है, लेकिन वह बताते हैं कि उनको भी नहीं लगता था की बोली इतनी ऊंची जाएगी यह तो मानते हैं कि इस बार उनको लगता था कि वह आईपीएल में जाएगा लेकिन इतनी बड़ी बोली लगेगी उनको नहीं मालूम था, वह कहते हैं कि अभी रणजी ट्रॉफी खेलने के बाद ही आगे की कुछ भूमिका तय हो पाएगी कि किस तरीके से आगे की खेल खेलने हैं उसके बाद ही प्लानिंग बनाएंगे की आईपीएल के लिए कुछ अलग प्रेक्टिस करने की अब सोची है कभी-कभी ऐसा होता था कि रन नहीं बन पाए थे तो वह बहुत परेशान हो जाता था, तंकीब अख्तर बताते हैं कि समीर के पिता जो उनके जीजा लगते हैं काफी बार उन्होंने टोक भी था बचपन में की इसको पढ़ने दो लेकिन अब वह चीज बदल गई हैं।

रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा, मेरठ