बीते महीने 25 सितंबर को जब वेस्टइंडीज़ के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ के लिए भारतीय टीम का चयन हुआ, तो करुण नायर फिर से शुरुआती स्थिति में पहुंच गए। कुछ रोमांचक घरेलू सीज़न के बाद, उनके टेस्ट करियर को एक नई उड़ान मिली जब उन्हें सात साल के अंतराल के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया लेकिन पूरी सीरीज में उन्होंने केवल 205 रन बनाए।
बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के अनुसार, इंग्लैंड में उन्हें उनसे 'कुछ ज़्यादा ही उम्मीद थी'। वेस्टइंडीज़ सीरीज़ में नज़रअंदाज़ किए जाने के बाद, 33 वर्षीय इस खिलाड़ी को एक और झटका तब लगा जब उन्हें दक्षिण अफ्रीका 'ए' के खिलाफ घरेलू मैदान पर होने वाली आगामी दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए भारत 'ए' टीम में जगह नहीं दी गई।
करुण की भारत में वापसी विदर्भ के लिए पिछले दो सीज़न में रणजी ट्रॉफी में बनाए गए 1,553 रनों के दम पर हुई। 33 वर्षीय करुण निराश ज़रूर हैं, लेकिन अभी उनका खेल ख़त्म नहीं हुआ है। वह वही कर रहे हैं जो उन्हें सबसे अच्छी तरह आता है। सीज़न के पहले मैच में सौराष्ट्र के खिलाफ 73 और 8 रन बनाने के बाद, करुण ने रविवार को गोवा के खिलाफ नाबाद 174 रनों की पारी खेली।
टीम के सभी खिलाड़ी आउट होने की वजह से दोहरे शतक से चूके करुण नायर ने कहा कि "मैंने अपने लिए कुछ लक्ष्य तय किए हैं, जिनके बारे में मैं बात नहीं करना चाहता। लेकिन इसके अलावा, मेरा मुख्य लक्ष्य टीम के लिए मैच जीतना होगा।" मध्यक्रम के इस बल्लेबाज़ ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा नज़रअंदाज़ किए जाने पर अपनी निराशा नहीं छिपाई।
"यह (बाहर होना) काफ़ी निराशाजनक है, लेकिन मुझे पता है कि पिछले दो सालों (घरेलू क्रिकेट) के बाद मैं टीम में बने रहने का हक़दार हूं। लोगों की अपनी राय हो सकती है, लेकिन निजी तौर पर, मेरी राय है कि मैं इससे कहीं बेहतर का हक़दार हूँ।" हालांकि करुण ने टीम प्रबंधन से संवाद के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने खुलासा किया, "टीम के कुछ ही लोगों ने मुझसे अपनी भावनाओं के बारे में अच्छी बातचीत की है और बस इतना ही।" करुण हार न मानने के लिए दृढ़ हैं।
"मैं बस रन बनाता रह सकता हूँ, यही मेरा काम है। मेरे पास कहने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है। मैं बस खुद से कहता रहता हूँ कि मैं एक सीरीज़ से ज़्यादा का हक़दार हूँ। मैं खुद से बस यही कह सकता हूं और इसे अपने दिमाग़ में नहीं आने देता। मैं बस देश के लिए खेलना चाहता हूं। यही मेरा एकमात्र लक्ष्य है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो अगला काम उस टीम के लिए मैच जीतने की कोशिश करना होगा जिसके लिए मैं खेल रहा हूं''